Tuesday, 8 May 2018

नाखून चबाने की आदत क्यों हो सकती है खतरनाक, जानिए

नाखून चबाना

नाखून चबाना एक सामान्य आदत है। यह आदत व्‍यक्ति के नर्वस या तनाव में होने पर देखने को मिलती है। इसके अलावा, यह सिर्फ एक आदत भी हो सकती है। लेकिन सेहत से जुड़े इसके कई नुकसान हैं। इससे नाखूनों की सामान्य वृद्धि पर तो असर पड़ता ही है, साथ ही उनकी शेप भी अनियमित हो जाती है। जिससे हाथों का सौंदर्य भी कम होने लगता है। नाखूनों की उचित सफाई न रखने पर उनमें जमा कीटाणु खाने के जरिए पेट में जाकर संक्रमण का कारण बन जाते हैं। नाखूनों की परत के नीचे नुकसानदायक स्टेफिलोकोकस नामक बैक्टीरिया होता है, जो चबाने पर मुंह में चला जाता है। एक शोध के अनुसार, लगभग 19 से 29 प्रतिशत युवा वयस्क और 5 प्रतिशत बड़ी उम्र के व्यक्ति नाखून चबाते हैं। बच्चे हों या बड़े, नाखून चबाने की गंदी आदत किसी में भी हो सकती है। यहां पर नाखून चबाने के सेहत से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी दी गई है।

नाखून से मुंह में बैक्टीरिया का स्थानांतरण

आप अपने हाथों को कितनी बार भी साफ करें लेकिन नाखूनों के भीतर गंदगी रह ही जाती है। नाखून बैक्‍टीरिया को विकसित होने का एक आदर्श वातावरण देते हैं, विशेष रूप से साल्‍मोनेला और ई कोलाई जैसे रोगजनक बैक्‍टीरिया को। जब आप नाखून काटते नहीं हैं तो बैक्‍टीरिया आपके मुंह से शरीर में प्रवेश कर आसानी से संक्रमण को स्‍थानांतरित करते हैं। शोधों के अनुसार, नाखून उंगलियों से दोगुने गंदे होते हैं इसलिए इनमें बैक्टीरिया की आशंका भी अधिक होती है। ऐसे में नाखून चबाते वक्त मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश कर संक्रमण का कारण बनता है।

नाखूनों में संक्रमण

नाखून चबाने वाले लोगों में पैरोनिशिया से पीड़ि‍त होने का जोखिम बहुत ज्‍यादा होता है। पैरोनिशिया एक त्‍वचा संक्रमण है जो नाखून के आसपास की त्‍वचा में होता है। नाखून चबाने से उनके आसपास की त्वचा की कोशिकाओं की भी क्षति होती है। इनके जरिए बैक्टीरिया और दूसरे कीटाणु त्वचा में प्रवेश करते हैं। शल्‍य प्रक्रिया से द्वारा इस समस्‍या का इलाज किया जा सकता है। विज्ञान के अमेरिकन अकादमी के अनुसार, नाखून चबाने के कारण बैक्टीरिया का संक्रमण सबसे आम नाखून समस्याओं में से एक है।

वार्ट्स

बहुत अधिक नाखून चबाने वाले लोगों में मानव पेपिलोमा वायरस या एचपीवी के कारण संक्रमण फैलने की आंशका बहुत अधिक होती  है, जिससे नाखूनों पर गांठ बन जाती है। वार्ट्स एचपीवी के कारण होने वाली त्‍वचा की समस्‍या है। लेकिन यह समस्‍या शरीर के अन्‍य हिस्‍सों की तुलना में हाथों और पैरों को ज्‍यादा प्रभावित करती है। नाखून चबाने की आदत के कारण यह समस्‍या हाथों से होंठों या मुंह में भी हो सकता है।

जीवन की गुणवत्ता में कमी

एक शोध के दौरान पाया गया कि 20 से 30 प्रतिशत लोग नाखून चबाते हैं। इस अध्ययन से यह बात भी सामने आई कि जो लोग लंबे समय से नाखून चबाते हैं उन लोगों में अन्‍य लोगों की तुलना में जीवन स्तर अच्छा नहीं होता है। इसके अलावा अन्‍य कारक जैसे नाखून चबाने की प्रतिरोध की वजह तनाव का भी जीवन की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। 

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