Tuesday 8 May 2018

इंटरनेट पर देखकर दवाएं लेना हो सकता है आपके लिये खतरनाक

बीमारी की पहचान में गलती

सिरदर्द, मतली आदि जैसे लक्षण कई बीमारियों के संकेत होते है। पर इंटरनेट पर आपने किसी एक बीमारी के बारें मे पढ़कर कोई दवाई ले ली तो ये आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। सिर्फ बीमारी के ऊपरी लक्षणों के आधार पर अपना इलाज शुरू करने के बजाय बीमारी की जड़ तक पहुंचना जरूरी होता है। इसलिए खुद से इलाद करने से अच्छा है कि आप डॉक्टर की सलाह ले। 

इन दवाइयों के दुष्प्रभाव

दर्द निवारक दवाओं का सामान्यता सबसे अधिक उपयोग या कहें दुरुपयोग होता है। दर्दनाशक पेट में सूजन पैदा कर सकते हैं. इससे अल्सर और रक्तस्राव का कारण बनता है। अन्य खतरे ये भी हैं कि ये दवाएं उच्च रक्तचाप वाले मरीजों में आघात का खतरा चार गुना तक बढ़ा देती हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि गर्भधारण में सभी दवाओं से बचना चाहिए। यहां तक कि सुरक्षित लगने वाली दवाएं भी विशेषतौर पर गर्भधारण की पहली तिमाही में अजन्मे बच्चे पर बुरा प्रभाव डाल सकत हैं। ये जन्मजात विसंगतियों का कारण बन सकता है। 

दवाओं का असर नहीं होता

डॉक्टर मानते हैं अनिवार्य जरूरत के बिना जब-तब एंटीबायोटिक्स नहीं लेना चाहिए, अन्यथा उनके लिए शरीर में खास तरह की प्रतिरोधकता पैदा हो जाती है और फिर गंभीर संकट के समय बीमारियों से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं तो वे शरीर पर असर ही नहीं दिखाती हैं। एंटीबायोटिक्स के प्रति शरीर में ऐसी प्रतिरोधकता आ जाना महत्वपूर्ण मौकों पर जानलेवा साबित होता है। 

मात्रा का ध्यान

सबसे बड़ा खतरा तनावरोधी और अवसादरोधी दवाओं पर निर्भरता होने का है लेकिन आप डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं जैसे एंटासिड्स, खांसी के सिरप और दर्द निवारकों के भी आदी हो सकते हैं। दवाईयों की अपर्याप्त खुराक बीमारी को ठीक नहीं करती और इलाज को लंबा कर देती है।  वहीं, दूसरी तरफ, अत्यधिक खुराक कई अंगों को क्षति पहुंचा सकती है। 

दवाई लेने का गलत तरीका

दवा एक ही तरीके से नहीं ली जाती है। दवाई लेने के कई तरीके होते हैं। इसलिए दवा लेने से पहले उस दवाई के बारे में ये जान लेना जरुरी है कि इस दवा को किस तरह से लेना है। क्योंकि अगर दवा को ठीक तरीके से नहीं लिया जाए तो उसका असर कम हो सकता है या फिर वो नुकसान भी कर सकती है। 

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