Tuesday 5 June 2018

जुकाम (Common Cold)

जुकाम विषाणुओं (वायरस) द्वारा फैलाया जाने वाले संक्रमण है जो खासकर हमारे सांस प्रणाली के आगे वाले हिस्से को प्रभावित करता है। जुकाम शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का परिचायक है।
कब होता है जुकाम~
हमारे नाक और गले की भीतरी दीवार बलगम (Mucus--मयूकस) का स्राव करती है। बलगम एक चिपचिपा पदार्थ होता है जिस में धूल, पराग कण, जीवाणु और विषाणु अटक कर रह जाते हैं और फेफड़ों में नहीं जा पाते।
इस अंदरूनी दीवार की सतह पर बालों से भी छोटे और करोड़ों की संख्या में मौजूद रोये इन दूषित पदार्थों को गले के भीतर जाने से रोकते हैं और जो दूषित पदार्थ इन रोओं से बच कर अंदर पहुंच जाते है उन्हें हमारे आमाशय में मौजूद अम्ल (Acid) नष्ट कर देता है
जब हमें सर्दी होती है तो इसका मतलब है कि विषाणुओं (Virus) ने इस प्रतिरोधी कवच को भेदकर भीतरी कोशिकाओं पर आक्रमण कर दिया है। जब यह विषाणु संक्रमण (Viral Infection) होता है तो हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति (Immunity) भी सक्रिय (Active) हो जाती है।
ऐसी स्थिति में नाक की नसों (Veins) में अधिक मात्रा में रक्त बहने लगता है। जिसकी वजह से वह भाग लाल और गर्म प्रतीत होता है। बलगम वाली अंदरूनी परत में सूजन आ जाने से सांस लेने वाला मार्ग अवरुध्द हो जाता है और हमें नाक से सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।
जुकाम में होने वाली परेशानी (Issues in Common Cold)
बलगम पैदा करने वाली कोशिकायें कई गुना अधिक मात्रा में बलगम बनाती हैं, जिनमें से कुछ हिस्सा तो पेट में चला जाता है, मगर अधिकांश नाक से बाहर बहने लगता है। इसी दौरान नाक में मौजूद तंत्रिकायें मस्तिष्क (Brian) तक संदेश पहुंचाती हैं जिसके फलस्वरूप मस्तिष्क नाक और मुंह के चारों ओर मौजूद मांसपेशियों (Muscles) का प्रसारण व संकुचन करता (Expand and Contract) हैं और हमें छींके आने लगती हैं।
जुकाम सर्दियों की बजाय गर्मियों में ज्यादा होता है, क्योंकि गर्मियों में गर्म से ठंढे व ठंढेे से गर्म माहौल में लगातार आना-जाना होता है। आजकल जुकाम (Jukam) का सबसे प्रमुख कारण एलर्जी (Alergy) है।
जुकाम के लक्षण-
आँख से पानी बहना
कान में दर्द होना
गले में दर्द होना
नाक से पानी बहना
सरदर्द होना
हरारत महसूस होना
जुकाम आमतौर पर दो तरीके से होता है :
हवा में मौजूद बैक्टीरिया या वायरस जब कभी सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं, तो एलर्जी हो जाती है। नतीजा यह होता है कि पानी या बलगम नाक से बाहर आने लगते हैं।
हमारे गले में दो तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं - कुछ अच्छे और कुछ बुरे। कभी-कभी सर्दी-गर्मी बढ़ने, एकदम ठंडा-गर्म खाने, ठंडे से गर्म व गर्म से ठंडे माहौल में जाने, ठंडा पानी ज्यादा पीने या बारिश में भीगने से गले के बुरे बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं। ये बैक्टीरिया ही गले में इन्फेक्शन कर देते हैं और जुकाम की वजह बनते हैं।
सामान्य उपचार~
जुकाम एक स्वभाविक क्रिया मानी जाती है। अगर कुछेक दिन में यह अपने आप ठीक हो जाए तो इसे बीमारी नहीं माना जाता लेकिन अधिक दिन रहने पर इसका उपचार कराना जरूरी होता है। जुकाम के कुछ खास उपाय निम्न हैं:
जुकाम के  उपचार (Treatment of Common Cold in Hindi)
साधारण जुकाम अपने आप पांच दिन में ठीक हो जाता है।
अगर बलगम सफेद हो तो यह एलर्जी की निशानी है। यह साधारण जुकाम होता है।
जुकाम को पांच दिन से ज्यादा हो जाएं या साथ में खांसी, बलगम, बदन दर्द व बुखार भी हो, तो समझना चाहिए कि आम जुकाम नहीं है।
अगर बलगम पीला हो हो व सांस की दिक्कत के साथ बुखार भी हो तो बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है।
ऐसे में डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
अगर कफ़ के साथ खून भी आए तो चिंताजनक बात है। यह टी.बी. का लक्षण हो सकता है। ऐसे में तुरन्त डॉक्टर से परामर्श लें।
अन्य उपचार~
आयुर्वेद में जुकाम तीन प्रकार के बताए गए हैं। तीन प्रकार के जुक़ाम हैं:
* जुकाम
* पुराना जुकाम,
* नज़ला
जुकाम कई प्रकार के वायरस आदि के संक्रमण से होता है। आयुर्वेद में इससे बचने के कुछ उपाय सुझाए गए हैं जो इस प्रकार हैं:
1.अधिक ठंड, तेज धूप, लू व बरसात में भीगने से बचें, गीले वस्त्र न पहनें।
2.सर्दी में गरम कपड़े पहनकर रहें तथा सर को हमेशा ढंक कर रखें।
3.जिन चीजों से एलर्जी हो उनसे बचकर रहें।
4.भीड़-भाड़ वाले स्थान पर तथा धूल से बचाव के लिए मुंह व नाक पर रूमाल या मास्क लगा कर रखना चाहिए।
5.किसी भी चीज को खाने से पहले हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।
6.जुकाम, खांसी, फ्लू, न्युमोनिया व इन्फ्लुएंजा के रोगी के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए।
खान-पान का रखें ध्यान (Diet in Common Cold)
जुकाम या सर्दी होने पर गरम व कम भोजन के साथ गर्म पानी का प्रयोग करें। चिकनाई रहित तरल पदार्थ जैसे मूंग की दाल के पानी में अदरक, काली मिर्च, लौंग, हींग आदि डालकर पीने से जुकाम में आराम मिलता है। संक्रमण रोकने वाले अनाज नींबू, गोभी, गाजर, प्याज, लहसुन, मसाले, अंकुरित दालें तथा जिंक से भरपूर भोज्य पदार्थ लें।
जुकाम होने पर क्या न करें (Precaution for Common Cold)
जुकाम होने पर हमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। आयुर्वेद में कुछ ऐसे चीजों का जिक्र किया गया है जिनका परहेज जुकाम होने पर करना चाहिए:
1.ठंडी के मौसम में सीधी व तेज हवाओं के संपर्क से बचना चाहिए।
2.गुस्से या मानसिक तनाव से दूर रहें।
3.दूध, दही, मट्ठा, ठंडे पेय पदार्थों आदि से परहेज करना चाहिए।
4.धूम्रपान, धूल, धुंआ आदि से बचना चाहिए।
5.कड़ी धूप से बचना चाहिए।
6.कही बाहर से आने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

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