Wednesday 9 May 2018

घुटनों का दर्द

घुटना शरीर का सबसे बड़ा तथा जटिल जोड़ है। यह एक सायनोवियल जोड़ (Sinovial Joint) का उदाहरण हैं। इस जोड़ में मुख्यत चार हड्डियों, लगभग 15 मांसपेशियों के अलावा एक और महत्त्वपूर्ण चीज़ होती है जिसे कारटीलेज (Cartilage) कहते हैं।

दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है|
कारटीलेज में द्रव या कोलोजन, रक्त प्रवाह के अभाव में कठोर होने लगता है।

घुटनों का दर्द

यह रोग पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है। इसका कारण है महिलाओं में माहवारी बन्द होने पश्चात् स्त्री हारमोन ‘इस्ट्रोजन’ का स्राव काफी कम हो जाता है, जिससे शरीर का वजन बढ़ने व आस्टियोपोरोसिस व कार्टिलेज क्षरण की प्रक्रिया तेज हो जाती है।

घुटने का दर्द अस्थिरज्जु (Ligament) के फटने से भी होता है। हमारी रोजमर्रा की गतिविधियां जैसे चलना, दौड़ना, उछलना या सीढ़ियां चढ़ने से घुटने (Ghutne ka Dard) पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है। हर दिन के दबाव से घुटने की अस्थिरज्जु में टूट-फूट हो जाती है, जिससे भी जोड़ों का दर्द  होता है।
आमतौर पर देखा जाता है कि घुटने के हर दर्द को लोग आर्थराइटिस समझ लेते हैं, जबकि घुटनों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं तथा उनका इलाज भी भिन्न-भिन्न है।

अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसका शरीर के जोड़ों और मांसपेशियों पर असर पड़ता है। मरीज के पैरों और हड्डियों के जोड़ों में तेज दर्द होता है, जिससे चलने-फिरने में भी तकलीफ हो सकती है। कुछ खास तरह के अर्थराइटिस में शरीर के दूसरे अंग भी प्रभावित होते हैं। ऐसे में दर्द के साथ दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं।

घुटनों का दर्द के लक्षण
घुटने का दर्द बाएं, दाएं या दोनों घुटनों में हो सकता है।
घुटने में सूजन हो जाती है और चलते समय घुटने में दर्द होता है।
घुटने सख्त हो जाते हैं, उनमें चटखन होती है और कभी-कभी घुटनों में सूजन भी आ जाती है।
घुटनों में दर्द होना।
मांसपेशियों की कमजोरी तथा जकड़न से जोड़ एक तरफ को झुक जाता है, टांगे टेढ़ी होने लगती हैं व उनका एलाइनमेंट बिगड़ जाता है, जिससे जोड़ों के घिसने की प्रक्रिया काफी तेज हो जाती है तथा रोगी की चाल दर्दभरी तथा बेढंगी हो जाती है।
रोगी को बैठने के पश्चात् उठकर खड़े होने में काफी तकलीफ होती है।
समय गुजरने के साथ-साथ यह तीव्र तथा भयंकर दर्द का रूप ले लेता है।
हवा चलने, ठंड लगने, ठंडी चीजें खाने, जाड़ा, गरमी, बरसात आदि के मौसम में यह रोग बढ़ जाता है।

बढ़ती उम्र और मोटापे के कारण अकसर घुटनों के दर्द से दो-चार होना पड़ता है। घुटनों के दर्द के कुछ अन्य कारण (Causes of Knee Pain in Hindi) निम्न हैं:

अर्थराइटिस- रीयूमेटाइड, आस्टियोअर्थराइटिस और गाउट सहित अथवा संबंधित ऊतक विकार

बरसाइटिस- घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट)

टेन्टीनाइटिस- आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है। यह धावकों, स्कॉयर और साइकिल चलाने वालों को होता है।

बेकर्स सिस्ट- घुटने के पीछे पानी से भरा सूजन जिसके साथ अर्थराइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है। यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक जा सकता है।
घिसा हुआ कारटिलेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है।

घिसा हुआ लिगामेंट (ए सी एल टियर)- घुटने में दर्द और अस्थायित्व उत्पन्न कर सकता है।

नीकैप (Knee Cap) का विस्थापन।

झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगामेंट में मामूली चोट।

जोड़ में संक्रमण (इंफेक्शन)।

घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |

श्रोणि विकार (Pelvic Disorder)- यह दर्द उत्पन्न कर सकता है जो घुटने में महसूस होता है। उदाहरण के लिए इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम एक ऐसी चोट है जो आपके श्रोणि से आपके घुटने के बाहर तक जाती है।

मोटापा, जिसके कारण घुटनों पर अधिक बोझ पड़ता है, जिससे घुटने का कार्टिलेज घिस जाता है। हड्डी के सिरों पर पड़ने वाला अधिक दबाव इस दर्द को और अधिक बढ़ा देता है।

सामान्य उपचार

​​घुटनों के दर्द से निजात पाने का सबसे बेहतर उपाय इससे बचना माना जाता है। डॉक्टरों के अनुसार स्वस्थ जीवनशैली और वजन को नियंत्रण में रखकर इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है। घुटनों के दर्द से बचाव के कुछ अन्य उपाय निम्न हैं:

घुटनों के दर्द के उपाय (Treatment and Remedies of Knee Pain in Hindi)

अपना वजन नियंत्रित रखें।
स्विमिंग करना सबसे फायदेमंद है।
दौड़ने से ज्यादा चलना अच्छा रहता है।
जांघ की मांसपेशियों से संबंधित व्यायाम करें।
फल व सब्जियों का भरपूर सेवन करें। इनमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं।
घुटनों को मोड़कर नहीं बैठना चाहिए।  पेट को साफ रखें तथा कब्ज न होने दें।
घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोएं।
दिन में कम से कम 2 बार बर्फ लगाएं।
डॉक्टर से समय-समय पर जांच कराते रहें।

घुटने के दर्द के लिए घरेलू उपचार

घुटनों के दर्द की सबसे बड़ी वजह है ओवरवेट होना। अगर आपके शरीर का वजन ज्यादा है तो जाहिर है आपका भार सहने में आपके घुटनों को तकलीफ होगी। इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी कम होने, कैल्शियम की कमी होने या अर्थराइटिस (arthritis) होने से भी घुटनों में दर्द रहता है। मांसपेशियों में तनाव रहने या किसी चोट की वजह से भी घुटनों का दर्द आपको परेशान कर सकता है।
आइए जानें कुछ घरेलू उपाय, जिन्हें अपनाकर आप घुटनों के दर्द से राहत पा सकते हैं।

1. ठंडा सेक (Cold fomentation)
घुटनों के दर्द से राहत के लिए ठंडा सेक दिया जा सकता है। यह सबसे आसान और प्रभावी तरीकों में से एक है। घुटनों को ठंडा सेक देने से यह रक्त वाहिकाओं को कसता है जिससे रक्त प्रवाह कम होता है और सूजन भी घटती है।
कैसे करें-
एक पतली तौलिया में बर्फ के टुकड़े लपेट लें। 10 से 20 मिनट के लिए दर्द प्रभावित घुटने के हिस्से को सेकें। आपका दर्द धीरे धीरे दूर हो जाएगा। इस उपाय को रोजाना दो या तीन बार कर सकते हैं।

2. सेब का सिरका (Apple cider vinegar)
सेब का सिरका भी घुटने के दर्द को कम करने में सहायक है। ये घुटने के जोड़ के भीतर खनिज इकठ्ठा करता है और हानिकारक विषाक्त पदार्थों को नष्ट करता है।

कैसे करें-
दो कप फ़िल्टर्ड पानी में दो चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। दिनभर में यह घोल पीएं। पूरी तरह ठीक होने तक रोजाना इस टॉनिक का सेवन करें।

बाल्टी में गर्म पानी डालकर उसमें दो कप सेब का सिरका मिलाकर 30 मिनट के लिए पानी में प्रभावित घुटने भिगाकर बैठ जाएं। इससे घुटनों के दर्द में काफी राहत मिलेगी।

एक चम्मच सेब का सिरका और जैतून के तेल को बराबर भागों में मिलाकर घुटनों की मालिश करें, फायदा होगा।

3. लाल मिर्च (Red Chilli)
लाल मिर्च के इस्तेमाल से घुटनों के दर्द में भी राहत मिलती है, इसमें मौजूद केपसाइसिन दर्द निवारक की तरह काम करता है।

कैसे करें-
एक से डेढ़ कप तेल में दो बड़े चम्मच लाल मिर्च पाउडर डालकर एक पेस्ट तैयार करें। कम से कम एक सप्ताह तक हर दिन दो बार यह पेस्ट घुटनों पर लगाएं। घुटनों के दर्द से राहत मिलेगी।
एक कप सेब के सिरके में एक चौथाई या आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर डालकर मित्रण तैयार करें। इस मित्रण को घुटनों पर लगाने से दर्द और सूजन कम हो जाती है। जब तक घुटनों दर्द से राहत न हो तब तक हर दिन इस पेस्ट को 20 मिनट के लिए घुटनों पर लगा सकते हैं।

4. अदरक (Ginger)

घुटने का दर्द मांसपेशियों में तनाव की वजह से हो या गठिया के कारण, अदरक दोनों ही स्थिति में बेहद लाभप्रद है। इसमें एंटी़फ्लेमेबल गुण होते हैं जो घुटने की सूजन और दर्द को कम कर देते हैं।

कैसे करें-
एक कप पानी में थोड़ा सा अदरक का टुकड़ा लेकर 10 मिनट उबाल लें। इसके बाद इसको ठंडा करके इसमें थोड़ा सा नींबू का रस और शहद मिलाएं। इस घोल को रोज पीएं। आप चाहें तो अदरक के तेल से घुटनों की मालिश भी कर सकते हैं।

5. हल्दी (Haldi)
हल्दी घुटने के दर्द को दूर करने के लिए एक प्रभावी और प्राकृतिक उपचार है। हल्दी में मौजूद कुरक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और दर्द कम करने में मदद करता है।

कैसे करें-
एक कप पानी में अदरक और हल्दी को थोड़ा थोड़ा मिलाकर 10 मिनट के लिए इसे उबाल लें। इसके बाद इसको गुनगुना होने के बाद शहद मिलाएं। दिन में दो बार इसे पीएं।
एक गिलास दूध में हल्दी डालकर उबालें और उसमें शहद मिलाकर पीएं। इससे भी घुटनों का दर्द ठीक होता है।

नोट:
* हल्दी रक्त को पतला करती है, ऐसे में खून पतला (Blood Thinning) करने की दवा लेने वालों के लिए यह ठीक नहीं।
* शहद को बहुत गरम पानी या दूध में नहीं मिलाना चाहिए।

6. नींबू (Lemon)
नींबू भी गठिया की वजह से घुटने के दर्द के लिए एक घरेलू लाभकारी उपाय है। नींबू में पाया जाने वाला साइट्रिक एसिड (citric acid) गठिया में यूरिक एसिड क्रिस्टल को घुलाता है।

कैसे करें-
एक नींबू छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें। इन टुकड़ों को सूती कपड़े में डालकर गर्म तिल के तेल में डुबाएं। इसके बाद पांच से 10 मिनट के लिए प्रभावित घुटने पर कपड़ा रखें। एक दिन में दो बार ऐसा करने से दर्द पूरी तरह चला जाता है।
एक गिलास पानी में नींबू निचाड़कर पीने से भी लाभ होता है।

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